pm kishan yojana com : भारत की कृषि अर्थव्यवस्था देश की रीढ़ है, जो लगभग 50% से अधिक लोगो को रोजगार देती है और सकल घरेलु उत्पाद (GDP) में 18-20% योगदान करती है। लेकिन छोटे और सीमांत किसान आज भी आर्थिक अस्थिरता, मौसम की मार, और कर्ज के बोझ से जूझ रहे हैं।
इन समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) शुरू की। यह योजना किसानों को सीधे आय सहायता प्रदान कर उनकी आजीविका को मजबूत करने और टिकाऊ भविष्य बनाने का लक्ष्य रखती है। इस ब्लॉग में हम pm kishan yojana com (पीएम किसान योजना ) के उद्देश्य, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, आदि को विस्तार से समझेंगे। इसलिए आप लेख को लास्ट तक जरुर है,
pm kishan yojana com ,(पीएम किसान योजना) क्या है?
पीएम किसान योजना एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है, जो पात्र किसानों को प्रति वर्ष ₹6,000 तीन किस्तों में हर चार महीने में जारी होती है (₹2,000 ) किस्त देती है। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से भेजी जाती है, जिससे भ्रष्टाचार कम होता है और पारदर्शिता बढ़ती है।
इस योजना की शुरुआत 2019 में छोटे और सीमांत किसानों को लक्षित करते हुए की गई थी, लेकिन बाद में इसे सभी भूमिधारक किसान परिवारों तक विस्तारित कर दिया गया।
2023 तक, 11 करोड़ से अधिक किसान इस योजना में पंजीकृत हो चुके हैं, और देशभर में ₹2.42 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि वितरित की जा चुकी है। यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है, जो ग्रामीण भारत के उत्थान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पीएम किसान योजना के उद्देश्य
- आय सहायता: बीज, खाद, और उपकरण खरीदने के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराकर किसानों की आर्थिक तनाव कम करना।
- कर्ज का बोझ घटाना: किसानों को साहूकारों से ऊंची ब्याज दर पर कर्ज लेने से रोकना।
- टिकाऊ खेती को बढ़ावा: आधुनिक तकनीक और पर्यावरण अनुकूल तरीकों में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना।
- सीमांत किसानों को सशक्त बनाना: उन किसानों तक पहुंचना जिन्हें बैंकों से ऋण नहीं मिल पाता।
पात्रता: कौन ले सकता है लाभ?
पात्र लाभार्थी
- भूमिधारक किसान: जिनके पास भूमि रिकॉर्ड के अनुसार खेती योग्य जमीन है।
- छोटे और सीमांत किसान: जिनके पास 2 हेक्टेयर (5 एकड़) तक की जमीन है।
- सभी आयु वर्ग: वरिष्ठ नागरिक या विधवाएं भी पात्र हैं, बशर्ते उनके पास खेती की जमीन हो।
अपात्र व्यक्ति
- संस्थागत भूमि मालिक (जैसे ट्रस्ट, सरकारी संस्थाएं)।
- संवैधानिक पद धारक (सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री)।
- पिछले वर्ष आयकर दाखिल करने वाले व्यक्ति।
- डॉक्टर, इंजीनियर, या ₹10,000 से अधिक पेंशन पाने वाले पेशेवर।
पीएम किसान योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
ऑनलाइन आवेदन
- आधिकारिक पीएम किसान पोर्टल https://pmkisan.gov.in पर जाएं।
- “नया किसान पंजीकरण” पर क्लिक करें और आधार नंबर, मोबाइल नंबर और राज्य दर्ज करें।
- व्यक्तिगत जानकारी, भूमि विवरण और बैंक खाता विवरण भरें। जमीन के कागजात, आधार कार्ड, और बैंक पासबुक की स्कैन कॉपी अपलोड करें।
- फॉर्म जमा करें। एक यूनिक पीएम किसान आईडी जनरेट होगी, जिससे आप अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
ऑफलाइन आवेदन
- स्थानीय राजस्व अधिकारी, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), या कृषि विभाग से संपर्क करें।
स्थिति जांचें या विवरण अपडेट करें
- पोर्टल पर “लाभार्थी स्थिति” या “आधार विवरण संपादित करें” विकल्प का उपयोग करें।
पीएम किसान योजना के प्रमुख लाभ
- सीधी आर्थिक मदद: समय पर मिलने वाली किस्तें खेती की जरूरतों को पूरा करने में मदद करती हैं।
- पारदर्शिता: डीबीटी से बिचौलियों की भूमिका खत्म होती है, और पैसा सीधे किसानों के खाते में पहुंचता है।
- समावेशिता: महिलाएं और एससी/एसटी समुदाय के किसान भी लाभान्वित होते हैं।
- अन्य योजनाओं के साथ तालमेल: पीएम फसल बीमा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं के साथ मिलकर काम करती है।
योजना का प्रभाव: क्या बदलाव आए हैं?
- आर्थिक राहत: छोटे किसानों के लिए ₹6,000 सालाना गेहूं या धान जैसी फसलों की लागत का 20-30% हिस्सा कवर कर सकता है।
- पलायन में कमी: नियमित आय से किसान शहरों की ओर पलायन करने के बजाय खेती जारी रखते हैं।
- महिला सशक्तिकरण: 3 करोड़ से अधिक महिला किसानों को लाभ मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्वतंत्रता बढ़ी है।
- राज्यों में सफलता: उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पंजीकरण की संख्या सबसे अधिक है।
चुनौतियां भी हैं:
- अपात्रों को लाभ: बटाईदार या भूमिहीन मजदूर अभी भी योजना से बाहर हैं।
- जागरूकता की कमी: दूरदराज के इलाकों में किसानों को योजना की जानकारी नहीं मिल पाती।
- भुगतान में देरी: तकनीकी गड़बड़ियां या पुराने भूमि रिकॉर्ड के कारण किस्तें रुक सकती हैं
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निष्कर्ष
पीएम किसान योजना लाखों किसानों के लिए एक वरदान है, जो न केवल आर्थिक मदद देती है बल्कि उन्हें सम्मान और आत्मनिर्भरता भी प्रदान करती है। हालांकि, पात्रता और जागरूकता के अंतराल को दूर करना अभी बाकी है। जैसे-जैसे भारत 2025 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, ऐसी योजनाएं कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। किसानों की मदद करके हम देश की नींव को मजबूत करते हैं।
आज ही आवेदन करें, योजना के बारे में लोगों को बताएं, और भारत के अन्नदाताओं को सशक्त बनाने के अभियान का हिस्सा बनें!
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